अकबर-बीरबल की कहानी – सबकी सोच एक जैसी | Sabki Soch Ek Jaisi Milk Story

अकबर और बीरबल की कहानियाँ भारतीय इतिहास(Indian History) की प्रसिद्ध दंतकथाओं का हिस्सा हैं, जो चतुराई और बुद्धिमानी(Wise) से भरी होती हैं। इन कहानियों में बीरबल अपने तर्क, हास्य और व्यावहारिक ज्ञान से कठिन समस्याओं(Problems) को सुलझाते हैं। ऐसी ही एक दिलचस्प कहानी है “सबकी सोच एक जैसी(Sabki Soch Ek Jaisi)”। इस कहानी में अकबर को बीरबल की चतुराई और लोगों की सोच में समानता का पाठ मिलता है।

अकबर-बीरबल की कहानी - सबकी सोच एक जैसी | Sabki Soch Ek Jaisi Milk Story

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कहानी – सबकी सोच एक जैसी(Sabki Soch Ek Jaisi)

एक बार की बात है, बादशाह अकबर के मन में यह विचार आया कि आखिर उनके राज्य में रहने वाले सभी लोगों की सोच(Thinking) कैसी है। क्या लोग एक ही तरह से सोचते हैं या हर किसी की सोच अलग-अलग होती है? यह सवाल उनके मन में बार-बार उठता रहा और उन्होंने इसे हल करने के लिए बीरबल की सहायता लेने का निश्चय किया।

अकबर ने बीरबल को दरबार में बुलाया और उनसे कहा, “बीरबल, मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या हमारे राज्य के सभी लोग एक जैसी सोच रखते हैं या उनकी सोच अलग-अलग होती है। क्या तुम मुझे इसका कोई उदाहरण(Example) दिखा सकते हो?”

बीरबल ने थोड़ा सोचा और कहा, “जहांपनाह, मैं आपको यह साबित करके दिखा सकता हूँ कि कई बार लोगों की सोच एक जैसी होती है और मैं इसे आपको एक प्रयोग के द्वारा समझाऊँगा।”

अकबर ने बीरबल को अनुमति दी। बीरबल ने आदेश दिया कि शहर के मुख्य बाजार में एक बड़े से मैदान(Ground) में एक ऊंचा खंभा लगाया जाए और उसके शीर्ष पर एक बड़ा घड़ा रखा जाए। इसके बाद, बीरबल ने पूरे शहर में घोषणा करवा दी कि हर व्यक्ति को खंभे पर चढ़कर उस घड़े में दूध डालना है और यह काम(Work) आधी रात को करना होगा ताकि कोई यह न देख सके कि कौन क्या डाल रहा है।

शहर के लोग इस अजीबोगरीब आदेश को सुनकर हैरान हो गए, लेकिन यह बीरबल का आदेश था, इसलिए सभी लोग राजी हो गए। उन्होंने सोचा कि अगर सभी लोग दूध(Milk) डालेंगे, तो यदि वे सिर्फ इसमें पानी(Water) डालेंगे तो कोई नहीं जान पाएगा क्योंकि घड़े में दूध होगा और उनकी बेइमानी पकड़ में नहीं आएगी।

अगली सुबह बीरबल और अकबर उस स्थान पर पहुंचे और उन्होंने घड़े को नीचे उतारा। जब घड़े को खोला गया, तो उसमें केवल पानी था, दूध का एक भी बूंद नहीं था। अकबर ने आश्चर्यचकित होकर बीरबल से पूछा, “यह कैसे संभव है?”

बीरबल ने मुस्कुराते(Smile) हुए उत्तर दिया, “जहांपनाह, हर व्यक्ति ने सोचा कि अगर वे केवल पानी डालेंगे, तो उनके पानी की मिलावट में दूध छिप जाएगा और कोई इसे देख नहीं पाएगा। लेकिन हर किसी ने यही सोचा और इसीलिए घड़े में सिर्फ पानी ही है। यही कारण है कि कई बार लोगों की सोच एक जैसी होती है।”

अकबर बीरबल की इस चतुराई भरी योजना से बहुत प्रभावित हुए और समझ गए कि कई बार लोग एक ही तरह से सोचते हैं, खासकर जब उन्हें लगता है कि उनकी गलती दूसरों की गलतियों के बीच छिप जाएगी।

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कहानी से शिक्षा(Moral)

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी-कभी लोग अपनी जिम्मेदारियों(Responsibility) को दूसरों पर छोड़ देते हैं, यह सोचकर कि कोई और उनका काम पूरा कर देगा। लेकिन अगर सभी ऐसा ही सोचें, तो काम(Work) अधूरा रह जाता है। इसलिए, हमें अपनी जिम्मेदारी खुद निभानी चाहिए और कभी भी दूसरों पर निर्भर नहीं होना चाहिए।

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सारांश(Summery)

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपके ये कहानी जरूर पसंद आई होगी। ऐसी और कहानी और शायरी, कोट्स, स्टेटस, फैक्ट्स आदि पढ़ने के लिए हमें फॉलो जरूर करे। धन्यवाद

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