दोस्तो आज हम आपके लिये लेकर आये एक एसी मोटिवेशनल कहानी जो आपको जरुर पसन्द आयेगी। ये कहानी एक संघर्ष की परिभाषा को बताती है। इस कहानी का नाम है – “दो पत्थरो की कहानी(2 Pattharo Ki Kahaani)”।
2 पत्थरो की कहानी(2 Pattharo Ki Kahaani)
एक बार एक गांव में 2 पत्थर, जिनमे से एक बड़ा समझदार, निडर, दयालु प्रवृत्ति का था। और दूसरा पत्थर डरपोक, गुस्सैल प्रवृत्ति का था। एक दिन गांव के लोगों को मंदिर बनवाने के लिए बड़े से पत्थर की आवश्कता थी।
गांव के लोग पत्थर ढूंढने के लिए निकल जाते है। तभी उनकी नजर उन दोनों पत्थरों पर पड़ती है। तब गांव के लोग उन दोनों पत्थरों को मूर्तिकार के पास ले जाते है, और जब मूर्तिकार मूर्ति बनाने के लिए पत्थर लेता है और हथौड़े की चोट मारता है तब डरपोक पत्थर की रोने की आवाज आती है।
तो मूर्तिकार उस पत्थर को छोड़कर दूसरे पत्थर को लेकर मूर्ति बनाने लगता है। उस निडर पत्थर ने हथौड़े की चोट को सहते हुए एक मूर्ति का रूप प्राप्त किया। और उसे मंदिर में ले जाकर भगवान स्वरूप स्थान दिया गया।
और उस पत्थर की पूजा की जाने लगी और तरह तरह के फूल चढ़ाए गए और मालाये पहनाई गई। और उस डरपोक पत्थर को उस निडर पत्थर, जो कि अब भगवान का स्थान प्राप्त कर चुका था उसके आगे ले जाकर नारियल फोड़ने के लिए रख दिया गया।
अब उस पत्थर को बार-बार दिन प्रतिदिन चोट खानी पड़ रही थी। और दुसरे पत्थर की रोज पूजा अर्चना होने लगी। अब इस पत्थर को अफसोस था कि पहले चोट और हथौड़े की मार सह लेता तो रोज इतनी चोट नहीं खानी पड़ती। और उस पर भी फ़ुल और दुध बरसाया जाता
शिक्षा(Moral) – कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हैं और बहुत कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता हैं।
जीवन में कुछ बनने के लिए संघर्ष करना जरूरी है। और बहुत बड़ा आदमी बनने के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना जरूरी है।
निष्कर्ष(Conclusion)
दोस्तो आपको यह कहानी कैसी लगी comment करके हमे जरुर बताये। और इस कहानी से आपको क्या सीख मिली Please comment on this post and if you more post on this topic, you can comment me. Thank You
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